जय देव दरबार की
जय देव दरबार की
देवनारायण मेडिकल एसोसिएशन संगठन का संक्षिप्त परिचय
1. गुर्जर समाज को संगठित और शिक्षा के क्षेत्र में आगे लेकर जाने की सोच को ध्यान में रखते हुए इस संगठन की रचना की गई है।
इस संगठन का मुख्य उद्देश्य समाज के हर व्यक्ति तक चिकित्सा जानकारी से अवगत करवाना है।
साथ में एक-दूसरे से परिचय रखकर समाज में संगठित रहकर काम करना और करवाना है।
2. शुरुआत में इस संगठन में 5 रीजन बनाए गए हैं और उन रीजन के 10 जोन बनाए गए। राजस्थान की प्रत्येक मेडिकल कॉलेज को इन जोन में रखा गया है।
हर एक बैच से, हर एक कॉलेज से एक गुर्जर इस संगठन का प्रतिनिधि रखा गया है।
उसके बाद कुछ कॉलेजों को मिलाकर एक जोन के प्रतिनिधि रखे गए हैं। फिर रीजन के प्रतिनिधि रखे गए हैं।
साथ में राजस्थान से बाहर के मेडिकल कॉलेज के साथियों को भी जोड़ने का विचार है, उनके लिए भी अलग से जोन बनाए गए हैं।
3. शुरुआती दौर में हमने 22 बैच MBBS, 23 बैच MBBS और 24 बैच MBBS पूरे राजस्थान के गुर्जरों को जोड़ा है।
इसके आगे के पहलू में पुराने बैच के साथ संवाद स्थापित करके जोड़ने का विचार है, और उनका मार्गदर्शन मिलता रहे, ऐसा भी विचार है।
साथ में जो हमारे सम्माननीय गुर्जर समाज के चिकित्सक हैं, उनसे भी मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
4. समाज का एक पढ़ा-लिखा समूह है MBBS वालों का
इसका ध्यान में रखते हुए यही विचार है कि जितना हम अपने समाज के लिए कर सकते हैं, उतना करेंगे तो एक अलग छाप बनेगी।
उदाहरण: समाज का कोई गरीब परिवार है जो NEET के लिए ऑफलाइन कोचिंग नहीं ले सकता तो उसको ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाना, जो कि PW जैसे मोबाइल ऐप पर आसानी से 5000 रुपये में मिल जाता है।
ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिनके द्वारा हम सहायता कर सकते हैं।
इसमें बीकानेर कॉलेज के सभी साथी 22 बैच से, 23 बैच से, और 24 बैच से शामिल रहे।
समस्त राजस्थान कॉलेज के प्रतिनिधियों ने ऑनलाइन उपस्थित होकर स्थापना समारोह में भाग लिया।
सभी साथियों का इसमें सहयोग रहा और साथ में समाज के लिए पढ़ने के साथ कुछ अच्छा करें, इसको लेकर चर्चा हुई।
उम्मीद है हम सबके द्वारा की गई एक छोटी सी पहल भगवान श्री देवनारायण जी के आशीर्वाद से आगे जाकर एक वट वृक्ष का रूप धारण करे और हम सबका यह प्रयास समाज के लिए काम आए।
धन्यवाद
यह देवनारायण मेडिकल एसोसिएशन की स्थापना और उद्देश्यों को दर्शाता है, जिसमें राजस्थान के मेडिकल छात्रों और चिकित्सकों को एकजुट करके समाज के विकास में योगदान देने का संकल्प लिया गया है।